Tuesday, November 4, 2014

भव्य नाटकों का है दर्शकों को इंतजार: विवेचना का 21 वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह



विवेचना का इक्कीसवां राष्ट्रीय नाट्य समारोह आगामी 08 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2014 तक तरंग प्रेक्षागृह में आयोजित है। इस समारोह की विशेषता यह है कि इस समारोह में जबलपुर के बाहर से आमंत्रित सभी नाटक राष्ट्रीय  नाट्य विद्यालय ( एन एस डी) से शिक्षित निर्देशकों द्वारा निर्देशित हैं। इस नाट्य समारोह की दूसरी खासियत यह है कि इसमें आज के समय के सर्वाधिक चर्चित नाटक मंचित होने जा रहे हैं।
पहले दिन 08 अक्टॅूबर को आयोजक संस्था विवेचना के नाटक ’कंजूस’ का मंचन होगा। फ्रंेच नाटककार मोलियर का यह नाटक पिछले 400सौ सालों से पूरी दुनिया को गुदगुदा रहा है। ये एक कंजूस बुजुर्ग की कहानी है जो बुढ़ापे में दूसरी शादी करने पर आमादा हैं पर पैसा भी नहीं खर्च करना चाहते और लड़की की उम्र भी ज्यादा होना पसंद नहीं है। साथ में दहेज भी चाहते हैं। इसका निर्देशन तपन बैनर्जी ने किया है।
समारोह का दूसरा नाटक जयपुर की संस्था नाट्यकुलम् द्वारा अशोक बांठिया के निर्देशन में मंचित होगा। ’नियति’ नामक यह नाटक सुप्रसिद्ध ग्रीक त्रासदी नाटक ’इडिपस’ का भारतीय परिवेश में किया गया रूपांतर है। इस नाटक की कहानी विश्वप्रसिद्ध है और इडिपस काम्पलेक्स शब्द इसी नाटक से बना है। इस नाटक का इंतजार जबलपुर के दर्शक वर्षों से कर रहे हैं।  
तीसरे दिन मुखातिब, मुम्बई द्वारा इश्तियाक आरिफ खान के लेखन और निर्देशन मेें मुम्बई के कलाकारों द्वारा ’सार्थक बहस’ का मंचन किया जाएगा। यह नाटक टी वी में होने वाली बहसों के बहाने नाटक वालों और देशवासियों की व्यथा कथा कहता है। नाटक का अंदाज बहुत रोचक है और युवा कलाकारों ने बहुत अच्छा अभिनय किया है।
चौथे दिन आज के समय का सर्वाधिक प्रशंसित नाटक ’औरंगज़ेब’ का मंचन दिल्ली के कलाकार करेंगे। नाटक का निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रो के एस राजेन्द्रन ने किया है। इंदिरा पार्थसारथी के तमिल नाटक का हिन्दुस्तानी रूपांतर शाहिद अनवर ने किया है। यह नाटक शाहजहां के अंतिम दिनों में शाही महल में शाहजहां के बेटों में
उत्तराधिकार  के लिए हुए संघर्ष की कहानी है जिसमें औरंगजेब और उसके भाई बहनों के बीच सत्ता के लिए चली लड़ाई के साथ ही सभी पात्रों के चरित्र भी प्रदर्शित होता है। इस नाटक के मंचन देश और विदेश में बहुत सराहे गए हैं। इस नाटक को पिछले 10 वर्षों का सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है।
पांचवें और अंतिम दिन नादिरा बब्बर का प्रसिद्ध नाटक ’ये है बाम्बे मेरी जान’ का मंचन एकजुट मुम्बई के कलाकार करेंगे। इस नाटक में मुम्बई के फिल्म टी वी जगत के जाने माने कलाकार शिरकत करेंगे। यह नाटक हिन्दी का बहुत पसंदीदा हास्य नाटक है। मुम्बई की फिल्मी दुनिया में प्रवेश पाने के लिए संघर्षरत युवाओं की कहानी इसमें बहुत मनोरंजक तरीके से कही गई है।  
विवेचना ने यह समारोह केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लि के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया है। प्रतिदिन संध्या 7़.30 बजे से तरंग ऑडीटोरियम में नाटक मंचित होंगे। विवेचना ने सभी नाट्यप्रेमियों से नाटकों का आनंद लेने का अनुरोध किया है। इस हेतु हिमांशु राय 9425387580, बंाकेबिहारी ब्यौहार 9827215749 वसंत काशीकर 9425359290 से संपर्क किया जा सकता है। 

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