Sunday, November 22, 2009

वसंत काशीकर



विवेचना के नाट्य निर्देशक हैं। अभी तक 25 नाटकों का निर्देशन कर चुके हैं। जिनमें मौलिक और सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध नाटक प्रमुख हैं। रानी नागफनी की कहानी, महाब्राह्मण, गधे की बारात, पोस्टर, बैरिस्टर, दूसरी आजादी, मोटेराम का सत्याग्रह, एक मामूली आदमी, मायाजाल आदि नाटकों के निर्देशन से पहचान बनी है। पिछले चार वर्षों में मायाजाल, मानबोध बाबू, सूपना का सपना और मित्र नाटकों के निर्देशन से देश के प्रमुख नाट्य निर्देशकों में माने गये हैं। अच्छे अभिनेता भी हैं और अनेक नाटकों में अभिनय भी किया है। मित्र नाटक में निर्देशन के अलावा मुख्य भूमिका का निर्वाह भी किया है। महाविद्यालयों में एक दिवसीय नाट्य कार्यशालाओं के माध्यम से महाविद्यालयीन छात्रों को जोड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिये नाट्य शिविर लगाये हैं। इन दिनों वसंत काशीकर अमृतलाल नागर की किताब ’आंखों देखा गदर’ पर महाराष्ट्र के पोवाड़ा शैली के लोककलाकारों के साथ मिलकर एक नाट्य प्रस्तुति करने जा रहे हैं।