Sunday, October 14, 2012

विवेचना का उन्नीसवां राष्ट्रीय नाट्य समारोह


        विवेचना का 19वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह तरंग प्रेक्षागृह में 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चलेगा। विवेचना का उन्नीसवां राष्ट्रीय नाट्य समारोह केन्द्रीय क्रीड़ा व कला परिषद एम पी पावर मैनेजमेंट कंपनी लि. व विवेचना का संयुक्त आयोजन है। विवेचना के 19 वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में इस बार छ: राज्यों के नाट्य दल हिस्सा लेंगे। बाहर से आने वाले तीन दल पहली बार जबलपुर में अपना नाटक प्रस्तुत करेंगे। 31 अक्टूबर 2012 से शुरू होने जा रहे विवेचना के 19 वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में पहले दिन आयोजक संस्था विवेचना ’सवाल अपना अपना’ का मंचन करने जा रही है। यह नाटक अद्भुत पारिवारिक नाटक है जो हमारे आज के समाज और परिवार की समस्याओं को बहुत खूबी से न केवल उठाता है वरन् तार्किक रूप से उनका जवाब भी देता है। नाटक अंधविश्वासों के विरूद्ध वैज्ञानिक सोच को महत्ता देता है। नाटक का निर्देशन वसंत काशीकर ने किया है।  
विवेचना के समारोह में दूसरे दिन 1 नवंबर को ’रम्मत’ जोधपुर के द्वारा अर्जुनदेव चारण के लेखन व निर्देशन में ’जमलीला’ का मंचन किया जाएगा। यह एक व्यंग्य नाटक है जिसमें एक रोचक कहानी को गीत संगीत और राजस्थानी हिन्दी भाषा के लालित्य के साथ प्रस्तुत किया गया है। प्रो अर्जुनदेव चारण देश के वरिष्ठ रंगनिर्देशक हैं और वर्तमान में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के चेयरमैन हैं। 
विवेचना के समारोह में तीसरे दिन 2 नवंबर को इलाहाबाद की संस्था समांतर केे कलाकार अनिल भौमिक के निर्देशन में लोर्का के नाटक ’अघट प्रेम’ का मंचन करेंगे। यह विश्वप्रसिद्ध नाटक ’द शूमेकर्स प्रिजुडिज़्ड वाइफ’ है जिसके मंचन पूरी दुनिया में हुए हैं। यह भी एक बहुत रोचक कथा है जिसमें अभिनय और गीत संगीत का सुंदर संयोजन है। इस नाटक की विशेषता यह है कि इसे भारतीय परिस्थितियों में रूपांतरित किया गया है।  
विवेचना के समारोह के चौथे दिन 3 नवंबर को चंडीगढ़ की संस्था ’थियेटर फॉर थियेटर’ के कलाकार सुदेश शर्मा के निर्देशन में डा शंकर शेष के नाटक ’’चेहरे’’ का मंचन करेंगे। एक कथा के माध्यम से यह नाटक समाज के बहुत से चेहरों को बेनकाब करता है। एक प्रेमी जोड़ा भागता  हुआ एक उजाड़ घर में आ छुपता है जहां कुछ देर बाद एक शवयात्रा पंहुच जाती है। बाहर पानी गिर रहा है इसीलिए अंदर बैठे लोग बातचीत करने लगते हैं और इसी बातचीत के बीच एक एक कर समाज के प्रतिनिधियों के चेहरे उजागर होने लगते हैं। 
विवेचना के समारोह के अंतिम दिन 4 नवंबर को रंगशिला मुम्बई के कलाकार अवनीश मिश्रा के निर्देशन में ’’द ग्रेट राजा मास्टर ड्रामा कंपनी’’ नाटक का मंचन करेंगे। नौटंकी शैली पर आधारित गीत संगीत से सराबोर इस नाटक का प्रमुख आकर्षण हेमंत पांडेय हैं जो टी वी के दुनिया के जाने माने कलाकार हैं। इस नाटक में नेहा सराफ, राणा प्रताप सिंह और नरोत्तम बेन भी अभिनेता हैं जो सभी जबलपुर के हैं और इस समय मुम्बई में स्थापित हैं।
विवेचना के समारोह के अंतिम दिन 4 नवंबर को ही सुबह 10.30 बजे भी एक मंचन रखा गया है। भिलाई इप्टा के कलाकार त्रिलोक तिवारी के निर्देशन में स्व शरीफ अहमद का लिखा नाटक ’’ मंथन’’ प्रस्तुत करेंगे। यह एक नाविक और एक पंडित के बीच की रोचक कथा है जिसमें दोनों चरित्रों के नए नए रंग उभरते हैं।
हिमांशु राय, बांकेबिहारी ब्यौहार, वसंत काशीकर, मनु तिवारी, अनिल श्रीवास्तव, संजय गर्ग, बलबहादुर ठाकुर  ने सभी दर्शकों और शुभचिंतकांे से हमेशा की तरह नाट्य समारोह में सक्रिय भागीदारी का अनुरोध किया है।
यह समारोह तरंग प्रेक्षागृह, रामपुर में आयोजित होगा।

हिमांशु राय
सचिव 
विवेचना
09425387580

No comments:

Post a Comment